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New Delhi: रेलवे यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि वर्तमान में जारी महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो। देशभर के श्रद्धालुओं को प्रयागराज पहुंचने में मदद करने के लिए आज 349 नियमित ट्रेनों के अलावा 137 अतिरिक्त ट्रेनें चलाई गईं या चलाई जा रही हैं। पहले दो दिनों में प्रयागराज के स्टेशनों पर यात्रियों की कुल संख्या 15 लाख 60 हजार से अधिक रही। इन ट्रेनों में दूर-दराज के इलाकों से कुंभ में भाग लेने के लिए लोगों को लाने वाली ट्रेनों के साथ-साथ रिंग रेल सेवाएं भी शामिल हैं जो श्रद्धालुओं को पॉइंट टू पॉइंट कनेक्टिविटी प्रदान करती हैं, ताकि वे चित्रकूट, अयोध्या और वाराणसी जैसे नजदीक के मंदिर शहरों तक भी जा सकें।
भारतीय रेलवे का श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 46 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ के दौरान 13,100 से अधिक ट्रेनें चलाने का इरादा है। इनमें 10,000 से अधिक नियमित ट्रेनें और 3,100 से अधिक विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। विशेष ट्रेनों की संख्या पिछले कुंभ की तुलना में 4.5 गुना अधिक है। इनमें से 1,800 ट्रेनें छोटी दूरी और 700 ट्रेनें लंबी दूरी की हैं। भारतीय रेलवे द्वारा प्रयागराज को जोड़ने वाली रिंग रेल के जरिए चार अलग-अलग रूटों पर 560 ट्रेनों का संचालन भी किया जा रहा है। ये रूट प्रयागराज-अयोध्या-वाराणसी-प्रयागराज, प्रयागराज-संगम प्रयाग-जौनपुर-प्रयाग-प्रयागराज, गोविंदपुरी-प्रयागराज-चित्रकूट-गोविंदपुरी और झांसी-गोविंदपुरी-प्रयागराज-मानिकपुर-चित्रकूट-झांसी रूट हैं।
महाकुंभ के दूसरे दिन देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से 3.5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु महाकुंभ मेले में पहुंचे। भीड़ की स्थिति में सुधार के लिए विभिन्न रेल मंडलों ने महाकुंभ के लिए देश के विभिन्न स्टेशनों से और भी ज्यादा जोड़ी स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। आने वाले दिनों में भोपाल मंडल के विभिन्न स्टेशनों से महाकुंभ के लिए 15 जोड़ी से ज्यादा ट्रेनें चलाई जाएंगी।